माँ पर कुछ लिखूँ कोई तौहीन न हो कहीं , डर रहा हूँ के क़लम से हक़ अदा न हो कहीं اا सहम जाते हैं अक्सर कभी ख़्यालों में 'अबीर', मैं माँ-माँ चिल्लाऊं और उसकी सदा न हो कहीं اا सदा - आवाज़ #yqquotes #yqtales #yqaestheticthoughts #yqlife #yqlove #yqmother #yqhindi #yqrestzone