कैसे तुमको दूँ तर्पण माँ! ये सजल नयन है अर्पण माँ! तुम मूँद चली आँखें जग से हमपे नेहिल दृष्टि रखना माँ! तुम पापा से कहना दादी-बाबा से कहना, हाँ! जीवित हैं सब अनुप्रेरण माँ! प्राणों में जीवन सा जगना है कौन भला इस जग में माँ जिसे आकुल मन माने अपना इस आतुरता को अंक लगा भर देना मन में साहस माँ जब यत्न मेरे सब वृथा लगे जीवन का कण-कण व्यथा लगे मुस्काकर फिर से कह देना एक और प्रयत्न हे धीरमना! मन ढाँढ़स कुछ पा जाएगा ये बार-बार दुहरायेगा... तुमको मुझमें है जीना माँ सपनें तेरे मेरा सपना सपन नयन! फिर से कहना मेरे संबल को आ गहना आमुख मौन तू गुन लेना ये सकल सपन है अर्पण माँ जीवनजल अविरल तर्पण माँ! तेरी छवि सम्मुख दर्पण माँ! #onlytoyou#yqdreams#yqdedication#loveumummy#yqpatience