ये तो स्याही की तासीर है जनाब, खुद बिखरती है तो दाग बन जाती है, लेकिन कोई और बिखेरे तो अल्फाज बन जाती है। दर्द बयान करती है खुद रोती नहीं, अकेले चलती है दूसरो के एहसास बन जाती है। ©Ritu shrivastava #alfaaj_mere