तेरे आने से अब यादों का ये मौसम सुहाना है फ़िज़ा में अब असर तेरा लबालब आशिक़ाना है खिले गुल अब जो अरसों बाद आया है तू गुलशन में तेरी ख़ुशबू से अब आबाद मेरा आशियाना है कफ़स में खिंजाँ का ही तो आना और जाना था जो लौटे ज़िंदगी में तुम,हसीं मौजूँ तराना है सुख़न पर तेरी रंगीन ख़्वाहिश उभरती जब तो लगता है कि दुल्हन का कोई जोड़ा शहाना है। ग़ज़ब ढा रहे हो तुम सनम अब रूह पे 'नेहा' के निगाहों से किया घायल मेरा दिल निशाना है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।