Let's smile for a while.
एक जमींदार के लिए उसके कुछ किसान एक भुना हुआ मुर्गा और एक बोतल फल का रस ले आए। जमींदार ने अपने नौकर को बुलाकर चीजें उनके घर ले जाने को कहा। नौकर एक चालाक, शरीर लड़का था। यह जानते हुए जमींदार ने उससे कहा, "देखो, उस कपड़े में जिंदा चिड़िया है और बोतल में जहर है। खबरदार, जो रास्ते में उस कपड़े को हटाया, क्योंकि अगर उसने ऐसा किया तो चिड़िया उड़ जाएगी। और बोतल सूंघ भी ली तो तुम मर जाओगे। समझे?"
नौकर भी अपने मालिक को खूब पहचानता था। उसने एक आरामदेह कोना ढूंढा और बैठकर भुना मुर्गा खा गया। उसने बोतल में जो रस था वह भी सारा पी डाला। एक बूंद भी नहीं छोड़ा।
उधर जमींदार भोजन के समय घर पहुँचा और पत्नी से भोजन परोसने को कहा। उसकी पत्नी ने कहा, "जरा देर ठहरो। खाना अभी तैयार नहीं है।" जमींदार ने कहा, "मैंने जो मुर्गा और रस की बोतल नौकर के हाथ वही दे दो। वही काफी है।"
उसके गुस्से की सीमा न रही जब उसकी पत्नी ने बताया कि नौकर तो सुबह का गया अभी तक लौटा ही नहीं।