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"कितनी दफ़ा वो गिर-गिरकर उठे, कितनी ही बार मन की इ

"कितनी दफ़ा वो गिर-गिरकर उठे,
कितनी ही बार मन की इच्छा के प्रतिकूल चले।
अपनों की ख्वाहिशों के दबाव में,
वो इस क़दर उलझते गए कि 
आज उनके हौसलों के कंधे झुके हुए थे।"

©शिखा शर्मा #मेरी_सुनो_ना #शायरी #poetrymonth #hausale #nojotohindi #poem #poetry #shayari #quotes #life
"कितनी दफ़ा वो गिर-गिरकर उठे,
कितनी ही बार मन की इच्छा के प्रतिकूल चले।
अपनों की ख्वाहिशों के दबाव में,
वो इस क़दर उलझते गए कि 
आज उनके हौसलों के कंधे झुके हुए थे।"

©शिखा शर्मा #मेरी_सुनो_ना #शायरी #poetrymonth #hausale #nojotohindi #poem #poetry #shayari #quotes #life