हंसी यहीं है, खुशी यहीं है बंधन और मुक्ति यहीं है ओम यहीं है, डोम यहीं है शव,शिव,शिवा,शैव यहीं है दबी देवी दैवी काली का स्त्रैण यहीं है कल,आज,कल का काल भैरव यहीं है संकट और संकट मोचन यहीं है गंगा यहीं है,छोटा बड़ा सब नंगा यहीं है गालियों का अभिवादन, गलियो में वादन यहीं है तुलसी यहीं है, हरिश्चंद्र यहीं है क्या मद्य क्या धूम्र पान प्रसाद,गोला,बनारसी पान यहीं है अस्सी और पूरे अठ्ठासी घाट यहीं है मणिकर्णिका जहां चिता न बुझे ओमकार जहां चित न सूझे और दसस्वमेध यहीं है अरे जाओ ये कोई कविता थोड़ी है, जो चंद पांत में पाटे गितेय काशी है ये,हां यहीं काशी है।। #banaras #devdiwali #kashi #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqhindi #yqquotes