ख़्वाब जो मेरे बदलते नहीं अक्श जो तेरा मिटता नही मौज़ू तेरा जब्त है रूह में मेरे ये शिकस्ता बदलता क्यों नहीं क्यों तू अभी जिंदा है मुझमें जहा बदल गया तू बदलता क्यों नहीं #असीरी