*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“17/3/2022”*📚 📘*“गुरुवार”*🔥 “पावन पूर्णिमा” में मनाए जाने वाला ये “विशेष पर्व” “होली” ... “त्याग”... किसी “नए रंग” को “अपनाने” के लिए “पुराने रंग” का “त्याग करना” होता है, और ये “त्याग” “सरल” नहीं है इसलिए “रंगों” से पूर्व हम “होलिका दहन” करते है, इस दिन “होलिका” का “अंत” हुआ और “प्रहलाद” बच गया अर्थात जो “अपवित्र” थी,“असत्य” थी, उसका “अंत” हुआ और “पवित्र” था, जो “सत्य” था वो “बच” गया, इसलिए आपके अंदर जितने भी “विकार (कमियां)” है जिनका “भार” जो आप लेकर चलते है इस “भार” को “होलिका” में “भस्म” कर दिजिए, “स्वयं” को “हल्का पाएंगे” और “जीवन” में “सफलता” पाएंगे, इस दिन आप “प्रण ले” कि अच्छे “लोगों का साथ पाकर” और “बुरी मानसिकता” के “लोगों” का साथ छोड़कर,इस “होली”पर स्वयं को “विकारों से मुक्त” करेंगे... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“17/3/2022”*📚 📘 *“गुरुवार”*🔥 #“पावन पूर्णिमा” #“त्याग”