अर्धनारीश्वर (पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें) पूर्ण नहीं है पुरुष बिना स्त्रीत्व के भाव की प्रवणता स्वभाव की शीतलता ममता की छांव अथक निभाव प्रेम के लिए सर्वस्व