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क्या कर रहे हैं आज के मां बाप और कहां जा रहा है आज

क्या कर रहे हैं आज के मां बाप और कहां जा रहा है आज का युवा मैं बात करूं पढ़ाई की तो हर मां बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा डॉक्टर इंजीनियर कलेक्टर बने या  किसी सरकारी पद पर कार्यरत हो मगर शायद यह भूल जाते हैं कि हर व्यक्ति का माइंडसेट अलग अलग होता है दृष्टिकोण अलग होता है हर किसी व्यक्ति में अपने आप में एक अलग टैलेंट होता है जिसका उदाहरण क्रिकेट ,शिक्षा ,प्रशासन मैनेजमेंट ,संगीत ,खेल... इत्यादि है

उदाहरण के तौर पर मैं बात करूं सचिन तेंदुलकर की यदि उनके मां-बाप सोचते हैं की हमें बच्चे को डॉक्टर ही बनाना है या जबरदस्त की जाती तो शायद आज यह भारत देश एक महान क्रिकेटर को खो देता 

ठीक इसी तरह में बात करूं देश के दिग्गज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने जाने वाले कवि डॉक्टर कुमार विश्वास यदि इंजीनियरिंग में भी जबरदस्ती करते तो हो सकता है वह एक इंजीनियर बन जाते मगर यह देश महान कवि से हाथ धो बैठता

 मेरा यह लेख  तमाम उन अभिभावको  के नाम है जो अपने बच्चों का भविष्य किसी दूसरे के कहने सुनने पर निर्धारित करते हैं , किसी दूसरे के बच्चों को देखने पर या अपनी मनमर्जीया  थोप देते हैं और कहते हैं कि तुम्हें ऐसा बनना है वैसा बनना है इससे हो सकता है शायद जबरदस्ती करने पर वह उनकी बातों को सत्य तो कर दे मगर एक सफल व्यक्ति और समाज का एक सफलतम  व्यक्तित्व चरित्र  निर्माण कभी नहीं कर पाएगा एवं  जीवन भर उस घुटन भरी जिंदगी को सहता रहेगा जिसका वह हकदार नहीं

 अतः जरूरत है कि उनके टैलेंट की पहचान कर उन्हें राह दिखाई जाए ना की जबरदस्ती थोपी जाए ,
हमारी कमी यह रहती है की हम सर्वप्रथम यह देखते हैं कि सामने वाला इतने से टाइम में सफल हो गया तुम्हें भी ऐसा ही करना है यह क्यों नहीं समझते कि हर कार्य की कार्यविधि अलग-अलग होती है 

जब मां-बाप  जिसने परवरिश की है बो ही नहीं समझ पाए तो किसी अनजान शख्स से सलाह लेने पर वह क्या बता पाएगा कि उनकी बच्चे का भविष्य किसमें है  
इस बात को उस बच्चे के निकटतम व्यक्ति या जिनके आंचल की छांव में वह पला बड़ा है जहां अपनी कर्मभूमि रच रहा है वही लोग समझ सकते हैं कोई दूसरा नहीं

 हर शख्स में एक प्रतिभा छुपी हुई होती है, उस प्रतिभा को उभारने में और समाज के हितकारी बनाने में अपना योगदान दें ना की एक उज्जवल भविष्य को मारने में
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लेखक:
कुमार गिरीश 
9667713522 aaj ka
क्या कर रहे हैं आज के मां बाप और कहां जा रहा है आज का युवा मैं बात करूं पढ़ाई की तो हर मां बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा डॉक्टर इंजीनियर कलेक्टर बने या  किसी सरकारी पद पर कार्यरत हो मगर शायद यह भूल जाते हैं कि हर व्यक्ति का माइंडसेट अलग अलग होता है दृष्टिकोण अलग होता है हर किसी व्यक्ति में अपने आप में एक अलग टैलेंट होता है जिसका उदाहरण क्रिकेट ,शिक्षा ,प्रशासन मैनेजमेंट ,संगीत ,खेल... इत्यादि है

उदाहरण के तौर पर मैं बात करूं सचिन तेंदुलकर की यदि उनके मां-बाप सोचते हैं की हमें बच्चे को डॉक्टर ही बनाना है या जबरदस्त की जाती तो शायद आज यह भारत देश एक महान क्रिकेटर को खो देता 

ठीक इसी तरह में बात करूं देश के दिग्गज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने जाने वाले कवि डॉक्टर कुमार विश्वास यदि इंजीनियरिंग में भी जबरदस्ती करते तो हो सकता है वह एक इंजीनियर बन जाते मगर यह देश महान कवि से हाथ धो बैठता

 मेरा यह लेख  तमाम उन अभिभावको  के नाम है जो अपने बच्चों का भविष्य किसी दूसरे के कहने सुनने पर निर्धारित करते हैं , किसी दूसरे के बच्चों को देखने पर या अपनी मनमर्जीया  थोप देते हैं और कहते हैं कि तुम्हें ऐसा बनना है वैसा बनना है इससे हो सकता है शायद जबरदस्ती करने पर वह उनकी बातों को सत्य तो कर दे मगर एक सफल व्यक्ति और समाज का एक सफलतम  व्यक्तित्व चरित्र  निर्माण कभी नहीं कर पाएगा एवं  जीवन भर उस घुटन भरी जिंदगी को सहता रहेगा जिसका वह हकदार नहीं

 अतः जरूरत है कि उनके टैलेंट की पहचान कर उन्हें राह दिखाई जाए ना की जबरदस्ती थोपी जाए ,
हमारी कमी यह रहती है की हम सर्वप्रथम यह देखते हैं कि सामने वाला इतने से टाइम में सफल हो गया तुम्हें भी ऐसा ही करना है यह क्यों नहीं समझते कि हर कार्य की कार्यविधि अलग-अलग होती है 

जब मां-बाप  जिसने परवरिश की है बो ही नहीं समझ पाए तो किसी अनजान शख्स से सलाह लेने पर वह क्या बता पाएगा कि उनकी बच्चे का भविष्य किसमें है  
इस बात को उस बच्चे के निकटतम व्यक्ति या जिनके आंचल की छांव में वह पला बड़ा है जहां अपनी कर्मभूमि रच रहा है वही लोग समझ सकते हैं कोई दूसरा नहीं

 हर शख्स में एक प्रतिभा छुपी हुई होती है, उस प्रतिभा को उभारने में और समाज के हितकारी बनाने में अपना योगदान दें ना की एक उज्जवल भविष्य को मारने में
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लेखक:
कुमार गिरीश 
9667713522 aaj ka