पैमाने कितने बदलोगे , जब हम दस्तक देकर आए फिर भी अजनबी हमको बताकर ऐसे बैगाने से क्यों बनोगे ,माना उसूल है अपने दुनिया के गर दिलों के मिलन को महसूस कर अफ़साने क्यों कहोगे , पैमाने कितने बदलोगे । #स्वातिकीकलमसे #nojopoems#swatikikalamse #poetrywriterswati 😇