Nojoto: Largest Storytelling Platform

बुलों को खोलने तो देता, तब भी तू ही होता खैर ! उँ

बुलों को खोलने तो देता, तब भी तू ही होता 
खैर ! उँगली रख के तूने धड़कने बड़ा दी ।

लफ्ज़ों से थोड़ा  ईश्क़ - ईश्क़ होता
खैर ! तूने अपनी मिलकियत बता दी । 

 मेरे बुलों से बारिश की होती शायद
खैर ! तेरी उँगली ने बारिश पे रोक लगा दी।

©️✍️ सतिन्दर
17.03.18

 #सतिन्दर #बुल #उँगली #ईश्क़ #लफ्ज़
बुलों को खोलने तो देता, तब भी तू ही होता 
खैर ! उँगली रख के तूने धड़कने बड़ा दी ।

लफ्ज़ों से थोड़ा  ईश्क़ - ईश्क़ होता
खैर ! तूने अपनी मिलकियत बता दी । 

 मेरे बुलों से बारिश की होती शायद
खैर ! तेरी उँगली ने बारिश पे रोक लगा दी।

©️✍️ सतिन्दर
17.03.18

 #सतिन्दर #बुल #उँगली #ईश्क़ #लफ्ज़