सोचा की आज कुछ सोचते हैं, क्या सोचूँ इस सोच में पड़ गया। क्या यह भी एक सोच का ही हिस्सा है, की मृत व्यक्ति, कोई जल गया, कोई गड़ गया। एक सी सोच है या सबकी अलग है, मैं बस इस दुविधा में पड़ गया। सोच एक है तो नज़रिये शायद अलग हैं, तभी लड़की घर बैठी रही, लड़का स्कूल पढ़ गया। नज़रिए सही हैं तो सोच ही बेकार है, की गरीब पीछे छूट गया और अमीर आगे बड़ गया। सोचते रहा करिये जनाब, सब खेल सोच का है, वरना एक दिन पता चलेगा, दिमाग रखे-रखे सड़ गया। सोचते रहा करिये जनाब #सोच #नज़रिया #yqdidi #yqbaba #ifyoulikeitthenletmeknow #moodforwriting