अतुल्य दिव्य परिधान ............................................ खाकी वर्दी देश की होती शान ये होता अतुल्य दिव्य परिधान खतरों से भी जो ना डरे जनमानस के लिए हमेशा खड़े हमेशा करते अमन चैन का आव्हान खाकी वर्दी देश की होती शान ये होता अतुल्य दिव्य परिधान होली ,दशहरा, और कई त्योहार हमारी खुशियों का इनपर दारोमदार ऐसे देश के सेवक देख होता अभिमान खाकी वर्दी देश की होती शान ये होता अतुल्य दिव्य परिधान रचना:- #सौरभ #सिन्हा एक कविता खाकी वर्दी के लिए