"बँटवारा" दो भाईयों के बीच चल रहा था बँटवारा, माँ-बाप चुपचाप देख रहे थे यह नज़ारा, खेत बँटे, बर्तन बँटा,और बँटा मकान, गाँव वाले भरते थे दोनों भाईयों का कान, बचे रह गए थे माँ बाप और एक जोड़ी बैल, हथियाने को अब बैल, तैयार थे वे जाने को जेल गाँव वालों ने समझाया, मत करो कोई भी पाप जो भाई रखेगा बैल, वही भाई रख ले माँ-बाप, इस पर छोटे भाई ने त्याग दिया मोह अपने आप, कहा, भैया आप ही रखो बैल, आप ही रखो माँ-बाप । © अनंत ज्ञान #बँटवारा