तू आये मेरी ज़िंदगी में, बहलाये झूठ बोलके रुलाये मुझको आशिक़ी से, बहकाये झूठ बोलके फिर तोड़ मेरे दिल का अभी एक हिस्सा बाँकी है। तेरे मेरे इश्क़ का अभी एक क़िस्सा बाँकी है। तू आये फिरसे इस तरह फँसाये मुझको इस तरह मैं रहूँ ना इश्क़ में, फँस जाये ख़ुद तू इस तरह फिर देख मेरे दर्द का जो एक हिस्सा बाँकी है। तेरे मेरे इश्क़ का अभी एक क़िस्सा बाँकी है। Nishant_Pandit इश्क़ का अभी एक किस्सा बाँकी है...