" कोशिश हमने हर बार की कुछ अधुरे रहे , कुछ कोशिश ने साफलता का रंग भी लिया , ये ज़िन्दगी हैं साहब ऐसे में हर रंग देख लिया , जिन्दगी कभी इस करवट मोड़ लेती कभी उस करवट , जिन्दगी का खेल निराला है क्या बताऊं , कभी सजदे करती है हलातो से लड़ना , कभी खेल - खेल में रूला भी देती हैं .। " --- रबिंद्र राम # जिन्दगी #सजदे