कभी गहरा समंदर था मैं, अब साहिल बन गया हूं मेरी ख्वाहिशों को मारकर, मैं क़ातिल बन गया हूं मेरे गुनाहों की पैरवी ना करना अजनबी में अधूरा होकर भी अब, क़ामिल बन गया हूं ©ललेश अजनबी,,, #कामिल