Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक मुद्दत से आरज़ू थी फ़ुरसत की, मिली तो इस शर्त

एक मुद्दत से आरज़ू थी फ़ुरसत  की,
मिली तो इस शर्त से की किसी से ना मिलो ।


शहरों का यूँ वीरान होना , कुछ यूँ ग़ज़ब कर गयी ,
बरसों से पड़े गुमसुम घरों को आबाद कर गयी।

यह कैसा समय आया कि , दूरियाँ ही दवा बन गयी 
ज़िंदगी में पहली बार ऐसा वक्त आया , इंसान ने ज़िंदा रहने के लिए कमाना छोड़ दिया 

घर गुलज़ार, सूने शहर 
बस्ती बस्ती में क़ैद हर हस्ती हो गयी,
आज फिर ज़िंदगी महंगी और दौलत सस्ती हो गयी।

सजा ये है कि बंजर जमीन हू मै,

 और जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क हो गया । 🖤 #AdhuriTamanna
#meethazahar
एक मुद्दत से आरज़ू थी फ़ुरसत  की,
मिली तो इस शर्त से की किसी से ना मिलो ।


शहरों का यूँ वीरान होना , कुछ यूँ ग़ज़ब कर गयी ,
बरसों से पड़े गुमसुम घरों को आबाद कर गयी।

यह कैसा समय आया कि , दूरियाँ ही दवा बन गयी 
ज़िंदगी में पहली बार ऐसा वक्त आया , इंसान ने ज़िंदा रहने के लिए कमाना छोड़ दिया 

घर गुलज़ार, सूने शहर 
बस्ती बस्ती में क़ैद हर हस्ती हो गयी,
आज फिर ज़िंदगी महंगी और दौलत सस्ती हो गयी।

सजा ये है कि बंजर जमीन हू मै,

 और जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क हो गया । 🖤 #AdhuriTamanna
#meethazahar