✍🏻आखिरी पन्ना कुछ धुँधलासा गया है अब जर्जर सा हो गया है परंतु वो आज भी सेहेजे हुवे है कुछ ज्यादा तो नहीं था उसमें पर एक "खास" याद थी चंद लाइनों की जो मैने नोट कर रखे थे किसी संकोची भाव के जो मेरे लिये अनमोल से थे, तब समझ नही थी 1994- 1995........के शायद उसके संकोच,प्रेमऔर सम्मान से भरे भाव सहेज लिये थे मैने आज भी उसे खोलने पर होठों पर एक प्रेम की "मुस्कराहट" बिखर जाती है ....डर लगता है "जर्जर पन्ने" कहीं टूट या बिखर ना जाये........✍🏻 -भारती #आखरीपन्ना #नोजोटो #यादें