ना मेरी कोई मंज़िल है, ना कोई किनारा, तन्हाई मेरी मेहफिल और यादे मेरा सहारा, तुमसे बिछड़ के, कुछ यू वक़्त गुज़ारा, कभी ज़िंदगी को तरसे, कभी मौत को पुकारा | kabhi maut ko tarse..!