तुम नहीं गम नहीं शराब नहीं ऐसी तन्हाई का कोई जवाब नहीं जाने किस-किस की मौत आई है आज रुख पर कोई नकाब नहीं वो करम उंगलियों पे गिनते हैं जुल्म जिनकी कुछ हिसाब नहीं #jagjit singh