सूखे पेडो़ की टहनियाँ मुझसे कुछ केह रही थी , नहीं पिया है कई बरसो से पानी सुखी पत्तियाँ भी रो रही थी। दूर-दूर तक सब बंजर नजर आ रहा था जो कभी हरियाली से भरी हुई थी , सुनाई दे रही थी जिंदगी वापस पाने की किलकारीयाँ अब तो निर्जीव हो गयी पेड़ की जडे़ भी फिर से जीने की गुहार लगा रही थी।। " DevU Raj " 🙏#Plzz #sev #me #A #Trees🙏