सब अकेले हैं, इस अकेलेपन में ये अकेलापन कितना अकेला है... बस इसी में तो सब खेला है!! कभी मौके गंवाए तो.. कभी मौकापरस्तों को झेला है, कभी फरिश्ते साथ आए तो, कभी दिल के टुकड़ों ने लूटा है, और हां, पर अंत में... दिल बस अकेला है! दूर शहरों से बसा अलग ही इसका मेला है! #shreekibaat_ajot 🫣