परवाह नहीं तुम्हें जराभी रिश्तों को तोड़ कर, खेल उम्दा खेला है तुमने दिलों को तोड़ कर। कोई चलता है रिश्ते को पैरों से कुचल कर हम रखते हैं रिश्ते अपने दिल में संभाल कर। #परवाह नहीं तुम्हें जराभी #रिश्तों को तोड़ कर, #खेल उम्दा खेला है #तुमने #दिलों को #तोड़ कर। कोई #चलता है रिश्ते को #पैरों से #कुचल कर हम #रखते हैं रिश्ते अपने दिल में संभाल कर।