नर्म एहसास तुम्हारे पिया रातों में जगाते हैं भोर में श्रृंगार में लाज के मोती सज जाते हैं ♥️♥️♥️ गुलाब बेला चंपा सुगंध में हम लिपट जाते हैं अंग अंग में प्रीत के पुष्प पल्लवित हो जाते हैं ♥️♥️♥️ मादक मोहनी उर्वशी रूप मेरे तुम्हें लुभाते हैं हर पूर्णमाशी में माधुर्य रास में हम डूब जाते हैं ♥️♥️♥️ पिया हर सावन में हम तुम में पिघल जाते हैं सासों की डोरी में हम तुम्हारा नाम बसाते हैं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1053 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।