:-एक परदेशी:- अक्सर अब आँखों में पानी भर जाता है याद कभी जो मुझे मेरा घर आता है आने वाला कल होगा आज से बेहतर रोज यही सोचकर दिन गुजर जाता है अब किससे करें हम बातें दिल की परदेश में कहाँ कोई अपना नजर आता है बहुत से रास्ते सफर में आये मगर याद हमेशा गाँव का ही डगर आता है नही हो पाते शामिल किसी भी मौके पर अब तो बस अच्छे-बुरे का खबर आता है तक़लीफ़ में हूँ मैं पर खुश हैं मेरे घरवाले बस यही सोचकर मुझको सबर आता है गम की धुप में भी खुद को हरा-भरा रखा हूँ क्योंकि सुख जाये पेड़ तो कहाँ शज़र आता है #आंखें #परदेशी #डगर #सफर #आंसू #gumnam_shayar_mahboob #गुमनाम_शायर_महबूब