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।।जब भी लिखने बैठती हु आपके बारे में, शब्द ही नही

।।जब भी लिखने बैठती हु आपके बारे में,
शब्द ही नही मिल पाते
हर तरफ खोजती हूँ आपको
आप नजर ही नही आते।।

।।सारे रिश्ते पूरे है बस,
एक आपका साथ अधूरा रह गया।।

।।होंठो पर मुस्कान हरदम है
बस दिल से मुस्कुराना अधूरा रह गया।।

।।सारे रिश्तो को संभाल लिया,
बस आपका अपनी बेटी को संभालना रह गया।।

।।सब कहते है समझदार हो गयी हूँ मै,
पर मेरा आपके सामने नासमझ बनना एक ख्वाब रह गया।।

।।सबकी जिद को पूरा करने लगी हूँ आजकल
बस जहाँ खुद जिद कर सकूँ वो रिश्ता अधूरा रह गया।।

Miss uuhh papa 🙂

©diksha Sable #LoveYouDad #FathersDay #Miss_you_papa  SHUBHAM BADODE Udit Dixit27 Temporary Poet Rahul Vishwakarma Sandeep Dhote
।।जब भी लिखने बैठती हु आपके बारे में,
शब्द ही नही मिल पाते
हर तरफ खोजती हूँ आपको
आप नजर ही नही आते।।

।।सारे रिश्ते पूरे है बस,
एक आपका साथ अधूरा रह गया।।

।।होंठो पर मुस्कान हरदम है
बस दिल से मुस्कुराना अधूरा रह गया।।

।।सारे रिश्तो को संभाल लिया,
बस आपका अपनी बेटी को संभालना रह गया।।

।।सब कहते है समझदार हो गयी हूँ मै,
पर मेरा आपके सामने नासमझ बनना एक ख्वाब रह गया।।

।।सबकी जिद को पूरा करने लगी हूँ आजकल
बस जहाँ खुद जिद कर सकूँ वो रिश्ता अधूरा रह गया।।

Miss uuhh papa 🙂

©diksha Sable #LoveYouDad #FathersDay #Miss_you_papa  SHUBHAM BADODE Udit Dixit27 Temporary Poet Rahul Vishwakarma Sandeep Dhote
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