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पत्थर भी बह सके ऐसा ख्वाब देखा है, इस स्याह रात म

पत्थर भी बह सके ऐसा ख्वाब देखा है,

इस स्याह रात में भी मैंने आफ़ताब देखा है,

हकीकत को मुझसे दुश्मनी है तो क्या हुआ,

मैंने ज़हन में माशूक को भी मेहताब देखा है।

-सुमीत #Dream  #shayari #zindagi #moon #Sun  #मेहताब  #आफ़ताब 

#moonlight
पत्थर भी बह सके ऐसा ख्वाब देखा है,

इस स्याह रात में भी मैंने आफ़ताब देखा है,

हकीकत को मुझसे दुश्मनी है तो क्या हुआ,

मैंने ज़हन में माशूक को भी मेहताब देखा है।

-सुमीत #Dream  #shayari #zindagi #moon #Sun  #मेहताब  #आफ़ताब 

#moonlight
sumeetkumar9283

Sumeet Kumar

New Creator