#जब भी #झुकी #पलकें मेरी हमने उसका ही #दिदार किया________ #जिन्दगी #दांव पर रख कर हमने उससे #प्यार किया* , #वो बार बार #खेलती रही #मेरे #दिल से,,,,, #और मेरे #जज्बातों से, #फिर भी हमने ना #उफ़ किया ना ही #इन्कार किया*____ शायर कि कलम से........... हेमन्तशर्मा"" |{avya. बेवफा________🖊️