ज़माने की महफ़िलें राज कहाँ आएँगी। काफ़िर हैं बाज़ कहाँ आएँगी। जमाने की महफ़िले अब रास नहीं आती है हमें आओ मीनू कुछ पल हम अपनी महफ़िल में बैठते है #mhfil #khudse #jamana