कांटे बहुत है राहों में बस कांटे निकालने वाला कोई नहीं बाते बहुत है सीने में बस बाते सुनने वाला कोई नही दर्द बहुत है दिलों में। बस मरहम लगाने वाला कोई नहीं। अपनी कहते तो बहुत है लेकिन सुनते नही किसकी। अपना रसूक दिखाते तो बहुत है पर दूसरो का देख पाते नही। वाह री दुनिया गजब का तेरा खेल है, गजब तमाशा है। #dilo