ये जहां बड़ा क़ातिलाना है न ख़ुद ख़ुश है और न दूसरों से ख़ुश है । दिया कैसे जला लूँ लू के थपेड़ों में उजाला लिए आग तो बोहोत है जी भी लूँ अकेले तो दुनियाँ के लोगों को कुछ ये मंज़ूर नहीं अपनी डाली के कांटे नहीं दिखते बादशाहत लिए सैनिक एक कहाँ कितना बदल के बदलाव लाएं जहां जहन्नुम से लोग मरे हैं न जाने कहाँ । सुप्रभात। दायरों को तोड़ दो, ख़ुद को ख़ुद से जोड़ दो... #दायरेतोड़दो #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi