महफिल का शोर तो महफिल तक सीमित है. तेरी यादों की खामोशी का शोर तो सन्नाटों तक पसरा पड़ा है.. भूलने की कोशिश लाख करते हैं तुझे.. मगर कमबख्त भूलने के लिए भी तुझे याद करना पड़ता है.. #bekhabr Tu😞