इस कदर हुई मोहब्बत की शुरुआत, हमारे घर के सामने वाले मोड़ से मुड़कर ,बस बस हाँ यहीं हुई थी पहली मुलाक़ात।
आँखों ही आँखों में बात हुई, और शुरू हुई मोहब्बत की करामात।
हम भी बेचैन थे, वो भी बेचैन थे, तब ही हुई थी सावन की पहली बरसात।
एक दिन वो करने आये इजहार ए मोहब्बत, लपू सा, झिंगूर सा, दोस्त ले के अपने साथ।
बोलने ही वाले थे वो अपने दिल की बात मुझे, अपने हाथों में ले के मेरा हाथ।
कि इतने में रसोई में, मम्मी के हाथ से कोई बर्तन शूट गया।
इस से आगे कया बताऊँ, बस इतनी सी ही थी मोहब्बत और सपना मे #Poet#poem#nojotohindi#Nojotocomedy#agni