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रौशनी ज्यादा हो तो आँखों में चुभती है, दिल्लगी हो

रौशनी ज्यादा हो तो आँखों में चुभती है,
दिल्लगी हो तो मोहब्बत ना कहना,
ये हवस तो भरे बाजार में बिकती है,
तुम्हारी जिंदगी को रौशन किया था मैनें,
यही तो बात है आजकल ज्यादा खलती है,
मेरे लिये ना रूके तो क्या शिकवा करूँ,
जहाँ ठहरे हो खुश रहो,
बेवफाई तो आदत है इस दौर में आदम की,
इसमें भला तुम्हारी क्या गलती है...!!!

©Virat Tomar #Be #loyal
रौशनी ज्यादा हो तो आँखों में चुभती है,
दिल्लगी हो तो मोहब्बत ना कहना,
ये हवस तो भरे बाजार में बिकती है,
तुम्हारी जिंदगी को रौशन किया था मैनें,
यही तो बात है आजकल ज्यादा खलती है,
मेरे लिये ना रूके तो क्या शिकवा करूँ,
जहाँ ठहरे हो खुश रहो,
बेवफाई तो आदत है इस दौर में आदम की,
इसमें भला तुम्हारी क्या गलती है...!!!

©Virat Tomar #Be #loyal