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जन्म और मौत के सफर में जीता है बस मरने के डर में.

जन्म और मौत के सफर में
जीता है बस मरने के डर में.

धन दौलत, शोहरत की चाह
दुःख जुड़े है जिनसे अथाह
नियत गईं फिर भी लाकर मे
जन्म और मौत के सफर में

शराब भी और शबाब भी
खाता है साथ मे कवाब भी
लालच फिर भी बसी नजर मे।
जन्म और मौत के सफर में.

इत्र, तेल से महकाया बदन
भौरा बन गया सबका मन
आवारा फिरता है शहर मे
जन्म और मौत के सफर में।

©Kamlesh Kandpal
  #Laalach