लहरों पर बैठ कर तु बंशी बजाता जा, गीत कोई प्यार का सबको सुनाता जा, डोलने दे तन को मेरे डोलने दे मन को मेरे छोड़ गया साथी जो उसको बुलाता जा | लहरो पर बैठ कर तु बंशी बजाता जा | - आयुष #प्रेम #कविता