नये ख्वाब बुनने को दिल कब से तैयार बैठा है किनारे से उतर कर ये आ मझधार बैठा है की अब ज़िद है डूब जाने या तर के पार होने की इसी ज़िद की लिए कश्ती तुफानो में बिन पतवार बैठा है... ab zidd hai khudd ko doobane ki... #yqdidi #yqquotes #h_Rquotes #tufaan #zidd #majhdhaar #mythoughts