एक कोरोना आकर दुनिया को,औकात इसकी बता गया। जो कुछ,नहीं जानते थे,सब कुछ हमें सिखा गया। दौड़ भाग और भौतिकता के इस युग में, चुप बैठना सिखा गया, संयमित जीवन जीने का भी महामन्त्र दिलवा गया, अपनों से दूर रहो, निर्दयता,क्रूरता सिखा गया। एक---- हाथ बहुत कम धोते थे,हाथ धुलना सिखा गया, जो बाहर ही भूमते रहते थे, अंदर रहना सीखा दिया। मानवता अंतःकरण की आवाज को फिर से पहचानना सीखा दिया। एक ------ अपनी संस्कृति, बोली भाषा, सनातन नियमों को सिखा गया, प्रकृति से छेड़छाड़ का सब हिसाब हमें दिला गया, भय दिखा कर मौत का तांडव, दुनिया को नचा गया। एक------- जनता कर्फ्यू ,लॉक डाउन होता क्या है,सिखा गया, कर्म योगियों को घरजोगी बना कर,दाढ़ी बाल बढ़वा गया। जरा कुछ सोचो,कैसे लड़े इससे ,मौन भाषा में सुना गया। एक------ 'अब न जगा तो फिर न जगेगा' सूचना हमें सुना गया, सेवा,सहयोग,दया,करुणा को फिर से मन मे बिठा गया, दुनिया को नव चेतना देकर आवाज हमें है लगा गया। एक कोरोना आ कर दुनिया को औकात इसकी बता गया। ✒️✒️✒️✒️Mohan Singh Rawat✒️✒️✒️ 📝📝📝📝📝📝📝 ----–------। #कारोना एक कोरोना आकर दुनिया को,औकात इसकी बता गया। जो कुछ,नहीं जानते थे,सब कुछ हमें सिखा गया। दौड़ भाग और भौतिकता के इस युग में, चुप बैठना सिखा गया, संयमित जीवन जीने का भी महामन्त्र दिलवा गया, अपनों से दूर रहो, निर्दयता,क्रूरता सिखा गया।एक----