जब हज़ारों लाखों करोड़ों असंख्य प्रथ्वीबासियों के बीच भी मन उदास हो, बहुत अपने हों पर कोई एक ऐसा न हो जो मन की बात सुन सके, जब कोई ऐसा न हो जो बिना कहे समझ सके कि हम क्या चाहत रखते हैं, तब उस भीड़ में रिश्तों से भरी तन्हाई को ही शायद अकेलापन कहते हैं ।। और शायद मैं भी अकेला ही हुँ, उसके बिना जो अभी तक पता नहीं कहाँ है ? #future love #NojotoQuote अकेलापन #NojotoHindi #Nojoto #Truelove #Shayri #Vipendra #Heart