रे मन मुझे अब पंख जो हो गए थे। मिट्टी के सड़को को छोड़, हाईवे पर जो चलने लग गए थे। रे मन मुझे अब पंख जो हो गए थे।। साईकल की धीमी चाल अब रफ्तार में जो बदल गई थी। हीरो 24" की साईकल अब suzuki intruder में बदल गई थी रे मन मुझे अब पंख जो हो गए थे।। आम के बगीचे अब दफ्तर जो हो गए थे, सावन की मदमस्त हवा a.c को जो मान लिया था।। रे मन मुझे अब पंख जो हो गए थे।। दोस्तो की अठखेलिया अब बॉस के गुस्से जो हो गए थे। माँ के निवाले अब zomato जो पूरे कर रहे थे। रे मन मुझे अब पंख जो हो गए थे।। #gaw #ka #ye #mn