प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन, प्रेरणा राह दिखने वाले सभी गुरुओं का आभार... पहली नमस्ते *परमात्मा* को, जिन्होंने हमें बनाया है दूसरी नमस्ते *माता पिता* को, जिन्होंने हमें अपनी गोद में खिलाया है तीसरी नमस्ते *गुरुओं* को... जिन्होंने हमको वेद और ज्ञान सिखाया है चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते *"आप को"* जिन्होंने हमें अपने साथ जुड़े रहने का मौका दिया है. गुरु पुर्णिमा की अनन्त शुभकामनाएं। ©Amit Sah Mps guru Purnima