हाँ! मैं हूँ नज़रों से बहुत दूर, मग़र देख सको तो देख लो! मूँद पलकें, वो जो धुंधली सी तस्वीर है उन्हीं में मुझे देख लो! सुनो, बेचैन मत हो, उन बेचैनियों में चैन और सुकूँ मुझमें ढूँढ लो! जो साँसें चलती है अनगिनत तुम्हारी उन धड़कनों में मुझे सुन लो! मैं तुमसे बस जिस्मों से दूर हूँ, अधरों से मुझे छू सको तो छू लो! गुज़रती है जो हवा छूकर और सिहर जाता मन उसे महसूस कर लो! 🌹नमस्ते लेखकों🙏🏼 🌸कोलैब करने से पहले 📌पिन पोस्ट अवश्य पढ़ लें। 🌸 आप सभी दिए गए विषय पर 6 - 8 पंक्तियों में अपनी रचना पूरी करें। 🌸पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें।