इस हुनर से अभी अंजान हूँ दुनियादारी से बेखबर भी हूँ मतलबी लोगों से परेशान भी हूँ पता है चार दिन की चांदनी है ऐसे चार दिन का मेहमान भी हूँ चार लोग कहेंगें तो सुन लेंगे चार लोगों का अभिमान भी हूँ सीख तो रहा हूँ अभी हर पल जिन्दगी जीने के हुनर से अंजान भी हूँ सुप्रभात। ज़िन्दगी जीने का हुनर, आ जाए तो क्या कहना! #जीनेकाहुनर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #अनजान #broken