बिखर जातें हैं ज़िन्दगी के पन्ने अक्सर पर ज़िन्दगी की परेशानियाँ कभी बेहिसाब नहीं होती। पा लेता है हर इंसान कोई ना कोई जहां यहां मंजिलें कभी रास्तों के खिलाफ नहीं होती। मुफलिसी मुख़्तसर कभी लंबी हो बेशक़ क्या डरना इस से किस्मत की लिखी लकीरें कभी छोटी नहीं होती। कोई ख़्वाब में कहानी लिखता है कोई जवाब में कहानी लिखता है पर कुछ कहानियाँ होती है ऐसी भी जिनके नसीब किताब नहीं होती। मुफलिसी - poverty /गरीबी मुख़्तसर - tiny /small /छोटा #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #poem #ज़िन्दगी #मुफलिसी #बेहिसाब #किताब #खिलाफ़ Dedicated to Anuup Kamal Agrawal bhaiya P. S This is in reply to a post.. Posted by Anuup Kamal Agrawal bhaiya