White मिलते थे हंस-हंसकर यूं जमाने से पर फिर भी मन में कुछ बेचैनी सी लगी। बाहर था बहुत शोर- शराबा, पर फिर भी मन में कुछ खामोशी सी लगी। जुनून से भरी है जिंदगी पर फिर भी मन में कुछ नाकामी सी लगी। सब अपने ही लोग हैं यहां, पर पता नहीं, फिर भी मैं खुद ही ,खुद को अनजानी सी लगी। ©Sudha Betageri #sudha