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बात कहत है तबकी भईया, जब कानपुर में रहते थे, दही ज

बात कहत है तबकी भईया,
जब कानपुर में रहते थे,
दही जलेबी और इमर्ती बड़े चाव से खाते थे,
बकलोली की हद नहीं थी, भौकाल मचाएं रखते थे,
गंगा किनारे बैठ के हम तो चौरसिया का पान चबाए रहते थे।
कभी लभेड में तो कभी भईया कांटप लगाते रहते थे,
बात कहत हैं तब की भईया,
जब कानपुर में रहते थे। #Kanpur
बात कहत है तबकी भईया,
जब कानपुर में रहते थे,
दही जलेबी और इमर्ती बड़े चाव से खाते थे,
बकलोली की हद नहीं थी, भौकाल मचाएं रखते थे,
गंगा किनारे बैठ के हम तो चौरसिया का पान चबाए रहते थे।
कभी लभेड में तो कभी भईया कांटप लगाते रहते थे,
बात कहत हैं तब की भईया,
जब कानपुर में रहते थे। #Kanpur
nikhilsah1452

Nikhil Sah

New Creator