भगतसिंह कौन थे।... खुब लडे थे रत्न यहापर, ये किस्से इतिहास ने कहे थे। गर जेल जानेवाले वीर थे, तो बतावो भगतसिंह तुम कौन थे।... मौत को सामने देख, कुछ परींदे उडे थे। गले लगाने मौत को, कुछ शेर खडे थे। शहादत पे तेरी सलाम ठोकने वाले, चोर सारे मौन थे। गर जेल जानेवाले वीर थे, तो बतावो भगतसिंह तुम कौन थे।... माफी मांगता गर तू भगतसिंह, तो पैरोमे तेरे ताज होता। शियासती दल्लोंके बीच, उजागर तुभी आज होता। पर पुरी आझादी के ख्वाब मे, तेरे आरमां लहुलुहान थे।... गर जेल जानेवाले वीर थे, तो बतावो भगतसिंह तुम कौन थे।... ये शियासत अब तु ही बता, रत्न होने कि अहेमीयत क्या है। फांसी पर झुले उन शहीदोंकी, शहादत कि अहेमियत क्या है। आखो मे खौप लिए चुपचाप होनेवाले, गर रत्नों के खादान थे। तो हसते हसते फांसीपर झुलनेवाले, शहीद भगत सिंह कौन थे।... कवीराज। ९०२१०३४९१७. भगतसिंह कौन थे।...